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कविताएँ

आँखें

आँखें  इंसानी जज्बातों का आईना हैं ये आँखें , दिल में छुपी शरारतों का  आधार हैं ये आँखें, ख़ामोशी की जुबाँ  […]

कविताएँ

सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना”हे भारती, वागेश्वरी, हे शारदा, हंसवाहिनी,हे वाग्देवी, महाश्वेता, हे ज्ञानदा, वीणावादिनी।हे वीणापाणी, वागीश्वरी, मां सरस्वती नमोस्तुते,हे ज्ञान दायिनी, अज्ञान

कविताएँ

संवाद प्रेम का

ये हवा, क्या कहे,इस तरह, क्यूॅं बहे।छू कभी, मन जरा,गुदगुदा, तन जरा।   कह रही, भावना,हृदय की, कामना।बज रही, रागिनी,सज

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