Merikalamse

February 2025

कविताएँ

खामोशी

  खामोशी  गर  ख़ामोशी  हैं  साथ  तुम्हारे ,नहीं खामोश तुम स्वयं को मानो। पढ़कर  देखो  नजरों  की  भाषा। ख़ामोशी का मतलब तो जानो। तन्हाई 

कविताएँ

एक बूंद

  एक बूँद आँखों से छलकें तो , आँसू कहलाती हैं।  जिसमें दर्द हैं ,याद हैं ,पीड़ा हैं या कसक

दोहे

दोहे

दोहे पावन गंगा में करें, जो नर नारी स्नान।तन मन निर्मल आप हो, कहें यही विद्वान।। (१) सुरसरि तन निर्मल

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