पुलवामा के शहीदों को शब्द श्रद्धांजलि
2019 में 14 फरवरी को जहां एक ओर दुनिया भर में सभी लोग वेलेंटाइन डे मना रहे थे। वहीं उसी […]
2019 में 14 फरवरी को जहां एक ओर दुनिया भर में सभी लोग वेलेंटाइन डे मना रहे थे। वहीं उसी […]
मेरे रूप अनेक मैं माता, मै बहन,मै पत्नी रूप में अर्धांगिनी हूँ , मैं जीवन के इस अनंत
बंद पलकों की जागी आंखों से,मैं जाती नींद को बुला रही थी।करवट बदलकर व्यतीत होती रात में,मैं सोने का हर
प्राकृतिक अनुराग ये कुदरत की सुन्दरता को देखकर , जी चाहता हैं इसे अपने शब्दों में सजों लूँ। प्राकृतिक सौन्दर्य
हो रहा आगाज अब,ऋतुराज बसंत का।कोहरा छटता शनै: शनै:,शीत के अंत का।रंग घुलने लगा है,शीतल हवाओं में।संगीत सुनाई दे रहा
सरस्वती वंदना”हे भारती, वागेश्वरी, हे शारदा, हंसवाहिनी,हे वाग्देवी, महाश्वेता, हे ज्ञानदा, वीणावादिनी।हे वीणापाणी, वागीश्वरी, मां सरस्वती नमोस्तुते,हे ज्ञान दायिनी, अज्ञान