शब्द भाव जब मिलें
शब्द भाव जब मिले वक्त कुछ तन्हा सा था,खामोशी कुछ कहने लगी।कवि मन बेकल हुआ,मन में एक आस जगी।आस भाव […]
शब्द भाव जब मिले वक्त कुछ तन्हा सा था,खामोशी कुछ कहने लगी।कवि मन बेकल हुआ,मन में एक आस जगी।आस भाव […]
2019 में 14 फरवरी को जहां एक ओर दुनिया भर में सभी लोग वेलेंटाइन डे मना रहे थे। वहीं उसी
मेरे रूप अनेक मैं माता, मै बहन,मै पत्नी रूप में अर्धांगिनी हूँ , मैं जीवन के इस अनंत
बंद पलकों की जागी आंखों से,मैं जाती नींद को बुला रही थी।करवट बदलकर व्यतीत होती रात में,मैं सोने का हर
प्राकृतिक अनुराग ये कुदरत की सुन्दरता को देखकर , जी चाहता हैं इसे अपने शब्दों में सजों लूँ। प्राकृतिक सौन्दर्य