Merikalamse

कविताएँ

गज़ल

गज़ल बहर – 212 212 212 212 काफिया – अने (व्यंजन काफिया) रदीफ़ – लगी वक्त ने जब कहा मैं […]

गजल/गीत

होली गीत

होली का गीत काहे रंग डाले हैं बैरी सावंरिया,भीग जाएं लट मेरी भीगी चुनरिया।डाले अबीर काहे, डाले गुलाल क्यों,पकड़े कलाई

कविताएँ

खामोशी

  खामोशी  गर  ख़ामोशी  हैं  साथ  तुम्हारे ,नहीं खामोश तुम स्वयं को मानो। पढ़कर  देखो  नजरों  की  भाषा। ख़ामोशी का मतलब तो जानो। तन्हाई 

कविताएँ

एक बूंद

  एक बूँद आँखों से छलकें तो , आँसू कहलाती हैं।  जिसमें दर्द हैं ,याद हैं ,पीड़ा हैं या कसक

दोहे

दोहे

दोहे पावन गंगा में करें, जो नर नारी स्नान।तन मन निर्मल आप हो, कहें यही विद्वान।। (१) सुरसरि तन निर्मल

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