Merikalamse

Author name: hemashilpi

कविताएँ

सुमेरु छंद1222 1222 122डगर अपनी अभी उलझी नहीं है,मिली मंजिल न थी लेकिन कहीं है,सफर ये जिंदगी माना कठिन था,चली

कविताएँ

ऑपरेशन सिंदूर

सिंदूर ने सिंदूर का,क्या गजब सिला लिया।नाराजगी तो बाकी है,अभी तो बस गिला किया। खफा जो हम हो गए तो,नाराज

कविताएँ

माहिया छंद

माता रानी को मेरा एक प्रयास समर्पित 🙏🏻🙏🏻 माहिया छंद आयी शेरों वाली,दर्शन देने को,भरने झोली खाली। दुर्गा, नैना, काली,मेरी

कविताएँ

प्रथम नवरात्रि, माता शैलपुत्री की कथा

नव दुर्गा की प्रथम स्वरूपा,प्रथम रूप शैलपुत्री मां।पर्वतराज हिमालय सुता,कहलायी शैलपुत्री मां।नवरात्रि के प्रथम दिवस में,मां शैलपुत्री का पूजन होता

कविताएँ

हाइकु

नीला गगनएक पंछी आजादउड़ता चला। एक तिनकादबाकर चोंच मेंनीड़ के लिए। वृक्ष की डालहरे पत्तों से भरीफलों से लदी। घोंसला

कविताएँ

गज़ल

गज़ल बहर – 212 212 212 212 काफिया – अने (व्यंजन काफिया) रदीफ़ – लगी वक्त ने जब कहा मैं

गजल/गीत

होली गीत

होली का गीत काहे रंग डाले हैं बैरी सावंरिया,भीग जाएं लट मेरी भीगी चुनरिया।डाले अबीर काहे, डाले गुलाल क्यों,पकड़े कलाई

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