Merikalamse

February 2025

कविताएँ

आँखें

आँखें  इंसानी जज्बातों का आईना हैं ये आँखें , दिल में छुपी शरारतों का  आधार हैं ये आँखें, ख़ामोशी की जुबाँ 

कविताएँ

सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना”हे भारती, वागेश्वरी, हे शारदा, हंसवाहिनी,हे वाग्देवी, महाश्वेता, हे ज्ञानदा, वीणावादिनी।हे वीणापाणी, वागीश्वरी, मां सरस्वती नमोस्तुते,हे ज्ञान दायिनी, अज्ञान

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