सांसें भी बिक रही हैं
शोर है, चीख है, रुदन है और क्रदन भी है। नैन नीर से भरे, स्वर भी भय कंपन है। चहुँ […]
शोर है, चीख है, रुदन है और क्रदन भी है। नैन नीर से भरे, स्वर भी भय कंपन है। चहुँ […]
अगर कोई मुझसे ये पूछे, क्या हैं मेरे प्यार की परिभाषा। शब्दों में बयां करूँ ये मुमकिन नहीं, मेरे प्यार की
खामोश सी सड़क में , मैं कुछ खोयी-सी टहल रही थी,मुझे जिन्दगी से कुछ सवाल थे ,बस जिंदगी से ही
ये हवा, क्या कहे,इस तरह, क्यूॅं बहे।छू कभी, मन जरा,गुदगुदा, तन जरा। कह रही, भावना,हृदय की, कामना।बज रही, रागिनी,सज
जिसे हमसफ़र बनाकर कदम – कदम ताउम्र साथ चलते रहे हम,जिससे रात – दिन, पल – पल का साथ निभाते रहे
प्रिय पाठकोंआप सभी को विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएंहिंदी पढ़ो, हिंदी लिखो,बोली भी हो हिंदी,सीखो भले भाषा कई पर
जाते हुए वर्ष दे गया ,हर खुशी ज़िन्दगी की ,आने वाले वर्ष में ख्वाहिश है ,तो बस यही एक पल