Merikalamse

संवाद प्रेम का

ये हवा, क्या कहे,
इस तरह, क्यूॅं बहे।
छू कभी, मन जरा,
गुदगुदा, तन जरा।

 

कह रही, भावना,
हृदय की, कामना।
बज रही, रागिनी,
सज रही, यामिनी।

 

रात कुछ, महकती,
यूॅं लगे, बहकती।
रात का, ये पहर,
याद का, वो शहर।

 

चाॅंदनी, बिखर कर,
चाॅंद से, सॅंवर कर।
निशा में, लिपटती,
मौन में, सिमटती।

 

मौन ने, रैन में,
निःशब्द, नैन में।
भाव से, बात की,
समर्पित, रात की।

 

दो अधर, खिल गए,
दो नयन, मिल गए।
संवाद, प्रेम का,
प्रेम के, नेम का।

 

समर्पित, नेह कर,

निवेदित, देह कर।

सहमत प्रणय हुआ।

पूर्ण परिणय हुआ।

 

 

 

 

 

 

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top