प्रिय पाठकों
आप सभी को विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
हिंदी पढ़ो, हिंदी लिखो,बोली भी हो हिंदी,
सीखो भले भाषा कई पर दिल में हो हिंदी।
भावों की हो अभिव्यक्ति या बातों का संप्रेषण,
व्याख्या करें हिंदी में, गूढ़ार्थ अन्वेषण।
चलती सदा हिंदी ले व्याकरण हाथ में,
संधि विच्छेद, छंद, अलंकार साथ में।
एक शब्द के अनेक हैं अर्थ जहाॅं पर,
अनेक शब्दों का हैं एक अर्थ वहाॅं पर।
कारक का समन्वय, समासिक विशेषता,
प्रत्यय और उपसर्ग से शब्दों में नवीनता।
संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, काल, विशेषण,
लिंग, वचन ये सभी हिंदी का आकर्षण।
वाक्य के प्रकार कई, शब्द के भी भेद हैं,
हर वर्ण का अस्तित्व हैं, न मौन खेद हैं।
देवनागरी हैं लिपि और संस्कृत जननी हैं,
एहसास हो ये पल पल हिंदी भाषा अपनी हैं।