नीला गगन
एक पंछी आजाद
उड़ता चला।
एक तिनका
दबाकर चोंच में
नीड़ के लिए।
वृक्ष की डाल
हरे पत्तों से भरी
फलों से लदी।
घोंसला बने
एक जगह ऐसी
ढूंढता हैं वो।
अंबर तले
हो मेरा भी अपना
एक आशियां।
नीला गगन
एक पंछी आजाद
उड़ता चला।
एक तिनका
दबाकर चोंच में
नीड़ के लिए।
वृक्ष की डाल
हरे पत्तों से भरी
फलों से लदी।
घोंसला बने
एक जगह ऐसी
ढूंढता हैं वो।
अंबर तले
हो मेरा भी अपना
एक आशियां।