Merikalamse

खामोशी

  खामोशी 

khamoshi, khamosh muskaan

गर  ख़ामोशी  हैं  साथ  तुम्हारे ,
नहीं खामोश तुम स्वयं को मानो। 
पढ़कर  देखो  नजरों  की  भाषाख़ामोशी का मतलब तो जानो। 
तन्हाई  में  खोकर  तो  देखो ,
ये  हमसे  बातें  करती   हैं। 
आँखों को एक सपना देकर ,
होठों  पर  मुस्कराती  हैं। 
भावनाओं  की दुनिया में ,
ख़ामोशी  भी  बोलती  हैं। 
गर कशिश हो नजरों में तो , तस्वीरें  भी  बोलती   हैं। 
खामोश लबों में बिखरी मुस्कान भी ,
कभी -कभी राज दिलों के खोलती हैं। 

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